DELHI HC REFUSES TO STAY ‘HASMUKH’ STREAMING | 8 May, 2020

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The Delhi high court on 5th May refused to stay the streaming of web series Hasmukh on Netflix. The application was filed by advocate Ashutosh Dubey and sought an interim stay on the streaming of episodes, especially episode 4 of season 1, titled Bambai Main Bambu. Dubey alleged that the series made disparaging comments against lawyers by calling them thieves, scoundrels, goons and rapists and was, therefore, defamatory and brought disrepute to the law profession and advocates in the eyes of the public. Dubey also asked for a public apology.

The defendants argued that Dubey had failed to show any prime facie case or any personal injury or violation of any right. They also said that a class of persons could not be defamed as a class, nor could an individual be defamed be general reference to a class to which he belonged.

Justice Sanjeev Sachdeva refused to grant the interim injunction and dismissed the application. He said that a creative artist is given the liberty to project the picture of the society in a manner he perceives, including by satire. The court also opined that the impugned content was a satirical comment with regard to the lawyers taken as a class and was not with regard to any determinate, definite or identifiable group of lawyers.

Plaintiff Ashutosh Dubey appeared in person. Senior advocate Amit Sibal appeared for Netflix along with advocates Saikrishna Rajagopal, Thomas George, Tanvi Sinha and Manas Gaur. Applause Entertainment Pvt. Ltd. was represented by senior advocate Sandeep Sethi, briefed by advocates Nidhish Mehrotra, Anushree Rauta, Piyush Joshi and Chirag Luthria of ANM Global. Emmay Entertainment, Nikhil Gonsalves and Nikhil Advani were represented by a team from Desai & Partners comprising advocates Hiren Kamod, Ami Desai and Surekha Srinivasan. Vir Das was represented by a team from Anand & Anand & Khimani, headed by Priyanka Khimani, along with Abhineet Pange, Chaitrika Patki and Preeta Panthaki.


दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘हसमुख’ की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने से किया इनकार | 8 मई, 2020

5 मई को दिल्ली उच्च न्यायालय ने नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज़ ‘हसमुख’ की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। यह याचिका अधिवक्ता आशुतोष दुबे द्वारा दायर की गई थी और इसमें इस वेब सीरीज़ के कुछ ऐपिसोड्स की स्ट्रीमिंग पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई थी, जिन में ‘बम्बई में बम्बू’ शीर्षक वाला सीज़न 1 का ऐपिसोड 4 प्रमुख है। दुबे ने आरोप लगाया था कि इस वेब सीरीज़ में वकीलों के लिए चोर, बदमाश, गुंडे और बलात्कारी जैसे अपशब्द प्रयोग करते हुए उनके विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणियाँ की गईं और वकालत के पेशे तथा अधिवक्ताओं को जनता की नज़र में अपमानित किया। दुबे ने अपनी याचिका में वेब सीरीज़ के सृजकों द्वारा सार्वजनिक माफी माँगे जाने की बात भी कही थी।

प्रतिवादियों ने तर्क दिया कि आशुतोष दुबे अपनी याचिका में किसी भी प्रकार के व्यक्तिगत हमले या किसी भी अधिकार के उल्लंघन को सिद्ध करने में विफल रहे। उन्होंने यह भी कहा कि व्यक्तियों के एक वर्ग को किसी वर्ग विशेष के रूप में बदनाम नहीं किया जा सकता है, और न ही किसी वर्ग विशेष के सामान्य सन्दर्भ के कारण उस वर्ग से सम्बद्ध व्यक्ति को बदनाम किया जा सकता है।

न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने अंतरिम निषेधाज्ञा देने से इनकार कर दिया और अर्जी खारिज कर दी। उन्होंने कहा कि एक रचनात्मक कलाकार को समाज की तस्वीर को अपने नज़रिए से पेश करने की स्वतंत्रता दी जाती है, और इसमें व्यंग्यात्मक निरूपण की स्वतंत्रता भी शामिल है। अदालत ने यह भी कहा कि वेब सीरीज़ के उन दृश्यों में वकीलों के संबंध में एक व्यंग्यपूर्ण टिप्पणी की गई थी और यह टिप्पणी वकीलों के किसी विशिष्ट, निश्चित या पहचान योग्य समूह के संबंध में नहीं थी।

वादी आशुतोष दुबे व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। नेटफ्लिक्स की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिब्बल अधिवक्ता साईकृष्ण राजगोपाल, थॉमस जॉर्ज, तन्वी सिन्हा और मानस गौड़ के साथ उपस्थित हुए। ऐपलॉज़ मनोरंजन प्राइवेट लिमिटेड का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी द्वारा किया गया था, जिसमें एएनएम ग्लोबल के अधिवक्ता निधिश मेहरोत्रा, अनुश्री राउता, पीयूष जोशी और चिराग लुथरिया उनके साथ रहे। एम्मी एंटरटेनमेंट, निखिल गोंसाल्वेस और निखिल आडवाणी का प्रतिनिधित्व देसाई एंड पार्टनर्स की एक टीम ने किया था जिसमें अधिवक्ता हिरेन कामोद, अमी देसाई और सुरेखा श्रीनिवासन शामिल थे। वीर दास का प्रतिनिधित्व आनंद ऐंड आनंद ऐंड खिमनी की एक टीम ने किया, जिसकी अध्यक्षता प्रियंका खिमानी ने की तथा उनके साथ अभिनीत पांगे, चैत्रिका पाटकी और प्रीता पंथाकी शामिल रहे।